जनता के दिलो में अन्नू और हर्षवर्धन की लवस्टोरी के अंजाम को लेकर बडी बेक़रारी...सीरियल तुम से तुम तक
जनता के द्वारा इस समय तुम से तुम तक सीरियल को बहुत ही पसंद किया जा रहा है। अन्नू और हर्षवर्धन की लवस्टोरी को देखकर लोगो के बीच बहुत ही चर्चा हो रही है। यह शो एक 19 साल की लडकी और 45 साल के आदमी की लवस्टोरी को लेकर बनाया गया है। इस कहानी को बनाने का मतलब यही है कि,उम्र प्यार को रोकने की दिवार नही बन सकती है। प्यार तो एक आजाद पंछी जो अपने मन का मालिक होता है।
uttar pradesh
7:29 PM, Aug 18, 2025
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SKETCH BY - GOOGLE
उत्तर प्रदेश। जनता के द्वारा इस समय तुम से तुम तक सीरियल को बहुत ही पसंद किया जा रहा है। अन्नू और हर्षवर्धन की लवस्टोरी को देखकर लोगो के बीच बहुत ही चर्चा हो रही है। यह शो एक 19 साल की लडकी और 45 साल के आदमी की लवस्टोरी को लेकर बनाया गया है। इस कहानी को बनाने का मतलब यही है कि,उम्र प्यार को रोकने की दिवार नही बन सकती है। प्यार तो एक आजाद पंछी जो अपने मन का मालिक होता है। वो जो चाहता है वो वही करता हैं। वो किसी की परवाह नही करता कि,किसी को क्या लगता है। कोई क्या सोचता है। प्यार तो बस दिल की भाषा ही जानता हैं। उसे समाज की घटिया सोच से कोई मतलब नही होता है। वो तो अपनी ही दुनिया खुश रहता है। चाहे कोई कुछ भी कहे मगर प्यार तो प्यार जिससे होता है। वही उसके लिए सबकुछ बन जाता हैं।
ऑफिस में अन्नू को बुलाया जाता है फिर उसकी छुटियाँ रद्द कर दी जाती
तुम से तुम तक में अन्नू के घर पर उसकी शादी की तैयारी हो रही है। जिसके चलते हर्षवर्धन अन्नू के परिवार और उसके होने वाले ससुराल वालो के साथ आभूषण की दुकान पर जाता है। जहां पर अन्नू को मीरी अपनी चतुराई से ऑफिस वापस बुला लेती है। जहां पर हर्षवर्धन का भाई उसकी जो शादी की छुटियाँ रद्द कर देता है। जिसकी वजह से अन्नू को ऑफिस में ही रूकना पडता है। वही दूसरी ओर पूरा परिवार और हर्षवर्धन उसका वहा पर इंतजार कर रहे होते है। मगर उसको आने नही दिया जाता है। तब हर्षवर्धन का भाई हर्षवर्धन को फोन करके बताता है कि,वो उसकी गैर मौजूदगी में किसी को भी फायदा नही उठाने देंगा। उसने इसलिए अन्नू की छुटियाँ रद्द कर दी है और भाई मैंने ठीक किया न तब हर्षवर्धन कहता कि, हां ठीक किया। हर्षवर्धन इस बारे में किसी को कुछ नही बताता है।
हर्षवर्धन के भाई को मना कर अन्नू ऑफिस से निकल जाती
अन्नू ऑफिस से निकलने के लिए कुछ सोचने लगती है। वो भगवान से कहती है कि,मैं कैसे जाओ मुझे कोई रास्ता दिखाइए तभी वही पर काम करने वाले एक बुर्जग आदमी आकर कहते है कि, भगवान भी उसी की मदद करते है। जो खुद की मदद करता है। तब अन्नू को एक विचार आता है कि,वो कैसे हर्षवर्धन के भाई को घर जाने के लिए मनाए। फिर वो हर्षवर्धन के भाई उनके पास जाती है और कहती है कि,आप बस एक कहानी सुन लीजिए बस उसके बाद आपको जो करना हो करिएगा। तब वो कहता है कि,बिल्कुल नही तुम अब कोई कहानी नही सुनाओगी। लेकिन वेा कैसे भी करके उनको मना लेती है और कहानी सुनाती है। जिसके बाद अन्नू को ऑफिस से जाने को मिल जाता है।
अन्नू के होने वाले ससुल उस पर बहुत गुस्सा करते है लेकिन उसकी बुआ सांस संभाल लेती
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परिवार अन्नू का बहुत ही देर से इंतजार कर रहा था। तभी अन्नू पहुंच जाती है। तब अन्नू का होने वाला ससुर उसको देर से आने के लिए सुनाने लगता है। लेकिन फिर उसकी होने वाली बुआ सांस कहती है कि,कोई बात नही कभी कभी देर होती है। वो पक्का किसी जरूरी काम में होगी। तभी तो उसे देर हो गई। फिर सब लोग अन्नू के लिए मंगलसूत्र खरीदने लगते है। तब अन्नू जो भी मंगलसूत्र उठाती है तो वो हर्षवर्धन से इसारे में पूछती है कि,वो कौन से ले। हर्षवर्धन भी उसे इसारे में बताता है। आखिर में हर्षवर्धन की पसंद पर अन्नू एक मंगलसूत्र पसंद करती है। लेकिन वो तीन लाख का होता है। लेकिन हर्षवर्धन को दिखाने के लिए अन्नू के होने वाले ससुर मान जाते है। लेकिन उनकी इतनी औकात नही होती है। तभी अन्नू मंगलसूत्र पहनाने का प्रयास कर रही होती है। मगर उससे नही होता। तभी अन्नू का होना वाला पति उसे पहनाने के लिए आता है। लेकिन हर्षवर्धन उसे कहता है कि,वो अपने पापा से पूछ कर आए। तब हर्षवर्धन उसको पहनाने के आता है। फिर वो उसे मंगलसूत्र पहना देता है।
बुआ सांस अन्नू की मां पुष्पा से कहती कि,अन्नू हर्षवर्धन का इस तरह से साथ घूमना ठीक नही
हर्षवर्धन के इस तरह अन्रू के घर पर रहने की वजह से उसके मोहल्ले में इन दोनो के लिए गलत बाते होने लगती है। जिसको अन्नू की बुआ सांस सुन लेती हैं। वो अन्नू की मां के पास जाती है और कहती है कि,हर्षवर्धन का इस तरह अन्नू के साथ घूमना ठीक नही है। हर्षवर्धन इतना बडा आदमी है। लेकिन वो एक मामूली लडकी के लिए अपना सारा काम काज छोड कर यहा पर बैठा हुआ है। तुम्हे इसमें कुछ गलत नही लगता है। तब मां पुष्पा कहती है कि,हर्षवर्धन उसके घर पर अन्न की शादी को ठीक ढंग से करवाने के लिए आए है और उन्होने ने ही अन्नू को शादी के लिए हां बुलवाई है। ऐसा कुछ नही है। तभी अन्नू के पापा आ जाते है। तब वो लोग शांत हो जाते है। वही दूसरी ओर मोहल्ले के लोगो को लगता है कि,हर्षवर्धन उनके घर को हथियाना चाहता है। तभी वो यहां पर आया है। इसी बात को लेकर अन्नू के घर पर लोगो की भीड लग जाती है और बवाल चालू हो जाता है।
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