नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता को भक्तो कैसे करे प्रसन्न,बोलो सच्चे दिल से जय माता दी !
नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। इस दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। भथ्तो के द्वारा नवरात्रि के दिनो में बहुत सारी चीजे की जाती है। मंदिरो में तो लोगो की लंबी भीड लगी हुई है। लोग सुबह से लेकर शाम तक मां के दर्शन को पाने के लिए आते है। नवरात्रि के दिनो में लोगो के द्वारा मां के नौ रूपो को बडी ही श्रध्दा और प्रेम के साथ पूजा ज
lucknow
1:01 PM, Sep 26, 2025
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SKETCH BY - GOOLGE
उत्तर प्रदेश। नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। इस दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। भथ्तो के द्वारा नवरात्रि के दिनो में बहुत सारी चीजे की जाती है। मंदिरो में तो लोगो की लंबी भीड लगी हुई है। लोग सुबह से लेकर शाम तक मां के दर्शन को पाने के लिए आते है। नवरात्रि के दिनो में लोगो के द्वारा मां के नौ रूपो को बडी ही श्रध्दा और प्रेम के साथ पूजा जाता है। नवरात्रि हर उस नारी की शक्ति का प्रतीक है जो अपने परिवार और बच्चो के लिए सुबह से लेकर शाम तक काम करती है। कहा जाता है कि,दुनिया की हर एक लडकी और महिला में मां का रूप है। जो औरत की इज्जत नही करता है। वो चाहे कितनी पूजा — पाठ,दान,भक्ति कर ले। मगर उस पर मां कभी भी अपनी कृपा नही बरसाती है।
लोगो के द्वारा क्यो की जाती है पूजा
नवरात्रि का पांचवां दिन की पूजा का होता है। जिनमें उनकी गोद में बाल स्कंद (कार्तिकेय) विराजमान होते हैं और उन्हें ज्ञान व शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लोगो के द्वारा मां स्कंदमाता की पूजा करने से आरोग्य, बुद्धिमत्ता, ज्ञान, संतान सुख मिलता है। इसके अलावा एघर में और मन में शांति आती है। लोगो के द्वारा इस दिन माता को केले का भोग, पीला वस्त्र, कमल का फूल को चढाया जाता है। क्योकि,माता को यह सब बहुत ही अति प्रिय है। लोग अपनी सच्ची भक्ति और प्रेम में मां का दिल जीतने की पूरी कोशिश करते है।
कृपा पाने से क्या होता है लाभ
हिन्दू धर्म के अनुसार बताया जाता है कि, मां स्कंदमाता की कृपा से मोक्ष प्राप्ति, ज्ञान में वृद्धि, संतान सुख और घर में सुख-समृद्धि आती है। मां स्कंदमाता की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मन शांत रहता है। जिससे भक्त को अलौकिक तेज और कांतिमय व्यक्तित्व प्राप्त होता है। इसके अलावा, मां स्कंदमाता की कृपा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं और सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण भक्त का जीवन भी तेजोमय हो जाता है।
कैसै किया जाता है प्रसन्न
भक्तो के द्वारा मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के पांचवें दिन उनकी पूजा की जाती है। लोग मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए केले का भोग लगते है। जो सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। इासके अलावा,लोग मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ देवी स्कंदमातायै नमः' मंत्र का 108 बार जाप करते है कमल और पीले फूल अर्पित किया जाता है और दुर्गासप्तशती का पाठ किया जा सकता है।