प्रदेश के सरकारी अस्पताल में पर्ची पर बाहर की ब्रांडेड दवा लिखने पर डॉक्टर होंगे निलंबित — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
योगी सरकार के द्वारा सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था को लेकर एक बहुत ही बडा फैसला लिया है। इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा उन गरीब लोगो को मिलेगा। जिनके पास पैसे न होने की वजह से सरकारी अस्पताल मे इलाज के लिए जाते है। मगर वहां पर डाक्टरो के द्वारा उनको दवाई बाहर लेने के लिए पर्ची दे दिया जाता है। इस ऐलान के बाद हर प्रदेश के सरकारी अस्पतालो पर तलवार लटक रही है।
uttar pradesh
1:29 PM, Nov 8, 2025
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उत्तर प्रदेश। योगी सरकार के द्वारा सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था को लेकर एक बहुत ही बडा फैसला लिया है। इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा उन गरीब लोगो को मिलेगा। जिनके पास पैसे न होने की वजह से सरकारी अस्पताल मे इलाज के लिए जाते है। मगर वहां पर डाक्टरो के द्वारा उनको दवाई बाहर लेने के लिए पर्ची दे दिया जाता है। इस ऐलान के बाद हर प्रदेश के सरकारी अस्पतालो पर तलवार लटक रही है। क्योकि,अगर किसी भी सराकरी अस्पताल मे योगी सरकार के द्वारा किए गए निर्देश का पालन नही हुआ और मरीजो को दवाईयो के लिए बाहर भेजा गया। तो सख्ती से एक्शन लेत हुए उस डाक्टर को हमेशा के लिए निलंबन कर दिया जाएगा और उस पर कार्यवाही भी होगी।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों के शोषण पर कड़ा रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों के शोषण पर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि, अब किसी भी सरकारी डॉक्टर को बाहर की महंगी दवा सादी पर्ची पर लिखते हुए पाया गया। तो उसको इसकी बहुत ही बडी कीमत चुकानी होगी।ओपीडी समय में डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी बराबर की जिम्मेदारी करेंगे। बताया जा रहा है कि,आम जतना के द्वारा शिकायतो का भंडार लगा हुआ था। जिसको लेकर यह फैसला लिसा गया है। क्योकि,जनता का आरोप है कि,सरकारी अस्पताल तो बस नाम के होते है जब वहां पर भी मंहगी दवाईयो के पैसे ही देने है तो हम लोगो सरकारी अस्पतात क्यो जाते है। वहां पर डाक्टरो को सारी दवाईयो की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। लेकिन डाक्टरो के उन दवाईयो को प्रयोग आम जनता के लिए नही करवाया जाता है।
मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन सरकारी अस्पताल को उपलब्ध करवाता दवाई ,मगर नही मिला मरीजो को फायदा
बताया जा रहा है कि, मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन द्वारा पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को लगभग 200 से अधिक दवाएं लगातार उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा, जन औषधि केंद्र भी संचालित हैं, जहाँ जेनेरिक दवाएं बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं। लेकिन फिर जिम्मेदारी के द्वारा इस तरह की हरक्कत को लेकर सरकार पर से आम जनता का विश्वास उठता जा रहा है। जिसको लेकर अब सरकार ने सख्ती से कार्यवाही की है और अगर किसी के द्वारा इस फैसला का उल्लघंन किया गया। तो उससे सीधे सीएम योगी निपटेगे।स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि,यह सब सरकारी अस्पताल मे होना सरकार के साथ धोखा होने से भी बडा एक गरीब के साथ अन्याय है। क्योकि,सरकार के द्वारा सरकारी अस्पताल मे सारी सुविधाए इसीलिए करवाई गई है ताकि,गरीबो का इलाज सही से हो सके और कोई भी दवाई की कमी से पीडित होकर असहाय महसूस न करे। लेकिन यहां पर कुछ जिम्मेदारो की बेईमानी की वजह से सरकार को यह कदम उठाना पडा है।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष ने दी सख्ती से चेतावनी
प्रदेश मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा यह निर्देश देने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष ने सख्ती से आदेश दिया है कि,,कोई भी डॉक्टर यदि सादी पर्ची पर बाहर की दवा लिखता पाया गया, तो उसके खिलाफ निलंबन तक की कार्रवाई की जाएगी। आदेशों का पालन न करने पर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि, मरीजों को केवल अस्पताल में उपलब्ध दवाएं या फिर जन औषधि केंद्र की जेनेरिक दवाएं ही दी जाएं। यदि किसी दवा की कमी है, तो तत्काल विभाग को सूचित किया जाए। इसके अलावा, 15 नवंबर के बाद शासन-स्तरीय टीमें पूरे प्रदेश में औचक निरीक्षण शुरू करेंगी। निरीक्षण बिना पूर्व सूचना के होंगे, और टीम सीधे ओपीडी, आपातकाल, दवा वितरण केंद्र और अन्य महत्वपूर्ण विभागों की जांच करेगी। जांच के दौरान अगर कोई अवैध रूप से काम करते हुए पाया गया तो उसकी मुलाकात तो सीधे सीएम योगी से होगी। उसके बाद उसके साथ जो होगा वो तो किसी ने सोचा भी नही होगा।

